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Showing posts from October, 2021

एक किशान ने बनाया 17 करोड का घर

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 अगर आप कभी मुंबई गए होंगे तो आपने मुकेश अंबानी का घर एंटीलिया तो जरूर देखा होगा. इस इमारत का डिजाइन काफी अजीबोगरीब है. वैसे दुनिया में कई ऐसी इमारतें हैं जो अपनी विचित्र डिजाइन (Weird Design of Buildings) के लिए फेमस हो चुकी हैं. हालांकि जिस इमारत के बारे में हम आपको यहां बताने जा रहे हैं वो किसी बड़े अरबपति द्वारा नहीं बनवायी गई है. इन दिनों चीन की एक इमारत काफी पॉपुलर हो रही है जो दिखने में बेहद अजीबोगरीब (Weird Building) है. चलिए आपको हम बताते हैं कि इस इमारत में क्या है खास.   किसान ने अब तक इमारत पर 17 करोड़ से ज्यादा रुपये खर्च कर दिया है.  चीन (China) का शिनजू (Xinxu Town) इन दिनों काफी चर्चा में है. यहां कई ऊंची इमारतें मौजूद हैं मगर इन इमारतों के बीच एक नई इमारत बन रही है जिसका नाम पेसेंट आर्ट बिल्डिंग (Peasant Art Building) है और डिजाइन बेहद अजीबोगरीब है. अपनी डिजाइन के कारण ये इमारत काफी चर्चा में है. शहर की दूसरी इमारतों की तुलना में इस इमारत की ऊंचाई भी ज्यादा है और दिखने में भी ये काफी भव्य है. मगर इमारत की डिजाइन किसी एक तय डिजाइन को फॉलो नहीं करती. इसमें रूमी आर्किटेक्

नही रहे सिनेमा के रावन उर्फ अरविन्द त्रिवेदी |

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 1987 में दूरदर्शन पर प्रसारित हुए रामानंद सागर के बेहद लोकप्रिय पौराणिक सीरियल 'रामायण' में रावण का किरदार निभाने वाले अभिनेता अरविंद त्रिवेदी का मंगलवार की रात को हार्टअटैक से निधन हो गया. वह 82 साल के थे और लंबे समय से उम्र संबंधी तमाम बीमारियों से जूझ रहे थे. इस कारण वह चलने फिरने में भी असमर्थ हो गए थे. पिछले 3 साल से उनकी तबीयत कुछ ज्यादा ही खराब रहने लगी थी. ऐसे में उन्हें दो-तीन बार अस्पताल में भी दाखिल कराना पड़ा था. एक महीने पहले ही वो अस्पताल से एक बार फिर घर लौटे थे. मंगलवार की रात 9-9.30 बजे उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उन्होंने कांदिवली स्थित अपने घर में ही दम तोड़ दिया. उनका अंतिम‌ संस्कार बुधवार की सुबह 8 बजे कांदिवली के डहाणूकर वाड़ी श्मशान गृह में किया जाएगा. अरविंद त्रिवेदी का अभिनय करियर शुरुआती दौर में सीरियल 'रामायण' में काम करते वक्त अरविंद त्रिवेदी को इस बात का तनिक भी आभास नहीं था कि सीरियल और उनके किरदार की लोकप्रियता के चलते लोग उनकी शख्सियत से इस कदर नफरत करने लगेंगे कि जैसे वो सचमुच के रावण और असल जिंदगी में भी विलेन हों. 'रामायण' में

किसने सम्बोधित किया था गान्धी जी को महात्मा के नाम से ?

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हम सभी गान्धी जी को भलि प्रकार से जानते है | उन्होने अहिन्सा के नाम पर देश को आजादि  दिलाई  |  इसी बीच उन्हे ख्याति भी प्राप्त हुई जो कि कई नामो के  माध्यम से मिली  | कभी महात्मा कहा गया तो कभी बापू या कभी राष्ट्रपिता | उनके प्रत्येक नाम का एक अलग हि महत्व है  | तो आइये जानते है किसने दिये उन्हे सबसे पहले ये नाम -  महात्मा  गांधी को महात्मा के नाम से सबसे पहले 1915 में राजवैद्य जीवराम कालिदास ने संबोधित किया था। एक अन्य मत के अनुसार स्वामी श्रद्धानन्द ने 1915 मे महात्मा की उपाधि दी थी, तीसरा मत ये है कि गुरु रविंद्रनाथ टैगोर ने महात्मा की उपाधि प्रदान की थी। बापू  12 अप्रैल 1919 को अपने एक लेख मे उन्हें बापू (गुजराती भाषा में બાપુ बापू यानी पिता) के नाम से भी स्मरण किया जाता है। एक मत के अनुसार गांधीजी को बापू सम्बोधित करने वाले प्रथम व्यक्ति उनके साबरमती आश्रम के शिष्य थे| राष्ट्रपिता   सुभाष चन्द्र बोस ने 6 जुलाई 1944 को रंगून रेडियो से गांधी जी के नाम जारी प्रसारण में उन्हें राष्ट्रपिता कहकर सम्बोधित करते हुए आज़ाद हिन्द फौज के सैनिकों के लिये उनका आशीर्वाद और शुभकामनाएँ माँगीं थीं।